मित्रों! ईश्वर ने इसी समय के लिये कहा था :
“हम तुम्हें अतिनिकट दिखायेंगे अपनी निशानियाँ
धरती एवं आकाश पर, यहाँ तक कि तुम्हारे अस्तित्व में भी”।
गौहर शाही का उपदेश
समस्त मनुष्यों की जीवात्मा (अरज़ी अरवाह) इस दुनिया में कई बार दूसरे शरीरों में जन्म लेती हैं। पवित्र लोगों की आत्माएँ पवित्र शरीरों में, जबकि मुहम्मद स० की जीवात्मा को मेहदी अलै० (कालकी अवतार/मसीहा) के लिये रोका हुआ था, जिस प्रकार मुहम्मद स० के शरीर के किसी भी अलग भाग, अर्थात-हाथ या पैर को भी आमिना का लाल कह सकते हैं, उसी प्रकार मुहम्मद स० के आकाशीय आत्मा के किसी अलग भाग को भी अब्दुल्लाह का पुत्र और आमिना का लाल कहा जा सकता है। अहल-ए-बैत की आत्माएँ भी अहल-ए-बैत में ही सम्मिलित हैं।
एक महत्वपूर्ण बिंदु:
महदी का अर्थ: हिदायत वाला (पथप्रदर्शक)।
मेहदी का अर्थ: चंद्रमाँँ वाला।
(जैसे : मेहनाज़ और मेहताब)
मु० यूनुस अलगौहर...लंदन, इंग्लैण्ड
पुस्तक में पृष्ठ
67