चंद्रमाँ



1991 की समर-फॉल एडिशन फीनिक्स ऑफिशियल विज़िटर गाइड में, चंद्रमा पर सत्पुरुष गौहर शाही की छवि स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। छवि सौजन्य- बूट ट्रैवर्स, फोटोग्राफर।
फीनिक्स ऑफिशियल विज़िटर गाइड के कवर पर मौजूद चंद्रमा की छवि का क्लोज़-अप। इसे धुंधला किया गया है ताकि सत्पुरुष गौहर शाही का चेहरा और अधिक स्पष्ट हो सके।
फोटोग्राफर के इस पत्र के अनुसार,"…जिस चंद्रमा की तस्वीर मैंने फरवरी 1990 में डाउनटाउन फीनिक्स के ऊपर खींची थी, उसके बड़े आकार के चित्र को 90 डिग्री घुमाकर देखने पर, उसमें एक व्यक्ति की प्रोफाइल जैसी आकृति दिखती है।" 
सत्पुरुष रा गौहर शाही
बाईं ओर : चंद्रमाँ की बिना संशोधित मूल तस्वीर। दाईं ओर, तुलना में सुविधा के लिए सत्पुरूष गौहर शाही का चेहरा डिजिटल रूप से जोड़ा गया है।
सत्पुरूष गौहर शाही का चेहरा और चंद्रमाँ का एक बड़ा चित्र।
चंद्रमाँ के विभिन्न चरणों में, जहां सत्पुरूष गौहर शाही का चेहरा हर चरण में दिखाई दे रहा है। सत्पुरूष गौहर शाही के चेहरे को दर्शाया गया है।
स्रोत: कोलिन की स्काईवॉचिंग: द अल्टिमेट गाइड टू द यूनिवर्स (अंग्रेजी संस्करण, 1995) डेविड एच. लेवी द्वारा; पृष्ठ 239
सत्पुरूष गौहर शाही की असली तस्वीरों के विभिन्न रूप।
चंद्रमाँँ की यह तस्वीर नासा NASA की ओर से प्रकाशित हुई है। 
स्रोत: समाचार विज्ञप्ति : हबल द्वारा चंद्रमाँ की तस्वीरें (16 अप्रैल, 1999), जॉन कोल्डवैल और अलेक्स स्टार्स के नासा के सहयोग से।
“चंद्रमाँ की इस तस्वीर के बारे में अधिक जानकारी अगले पृष्ठ पर हैं।”
‘हम तुम्हें अतिनिकट दिखायेंगे अपनी निशानियाँ जगत में
और तुम्हारे अस्तित्व में, यहाँ तक कि तुम मान जाओगे कि यह परमसत्य (हक) है।’
(ईश्वर कथन)
‘लौलाक लमा देख, ज़मीं देख, फ़िज़ा देख,
मशरिक से उभरते हुए सूरज को ज़रा देख।’_
(इक़बाल)

चंद्रमाँ की छवि को घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाया गया है। ऐसा करने से, चंद्रमाँ पर स्थित चित्र स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं।

सत्पुरूष गौहर शाही की विभिन्न तस्वीरों और चंद्रमाँ की छवियों के बीच तुलना यह दिखाती है कि चंद्रमाँ पर दिखाई देने वाला चेहरा वास्तव में सत्पुरूष गौहर शाही का ही है।


यह तस्वीरें पुस्तक (PICTORIAL ASTRONOMY) से प्राप्त की गईं हैं।

चंद्रमाँ और इसके बगल में एक चित्र जिसमें एक महिला की समानता को दर्शाया गया है।

जब अमरीका में यह रहस्योद्घाटन हुआ कि चंद्रमाँँ पर किसी एशियाई की तस्वीर है। जो हुलिए से मुसलमान नज़र आता है। तो उन्होंने तस्वीर का कोण (रूख) परिवर्तित कर दिया। तस्वीर नं०(1) चंद्रमाँ की ओरिजनल तस्वीर है। तस्वीर नं०(2) यह तस्वीर भी चंद्रमाँँ से ही संबंध रखती है। जिसमें उन्होंने कुछ परिवर्तन किया, सिर के ऊपर जो चेहरा और दाढ़ी थी उसे बराबर कर दिया गया। ताकि चेहरे की जगह बाल नज़र आयें, यह हुलिया क्लीनशेव आदमी का है। तस्वीर नं०(3) जिसे Dinsmore ने स्त्री के रूप में दिखाने की कोशिश की ताकि लोगों का ध्यान 'माॅ० मेरी' (ह० मरियम) की ओर किया जाये।
ईश्वर की निशानियों का विकृतिकरण शुभ संकेत नहीं है, क्योंकि ये चित्र जल्द ही पूरे विश्व में स्पष्ट हो जाएंगे।
विभिन्न मैग्ज़ीनों और कम्पनियों की ओर से प्रकाशित फोटो:


आप कहीं भी हों, पूर्व में या पश्चिम में अपने निजी कैमरे से चाँद की तस्वीरें खींचें, किसी भी कोण में ऐसी ही तस्वीरें नज़र आयेंगी, फिर उनके अनुसार चाँद को देखें।

एक और उदाहरण, जिसमें सत्पुरूष गौहर शाही का चेहरा चंद्रमाँ की एक छवि पर दिखाई दे रहा है, जो एक तीसरे पक्ष द्वारा प्रकाशित की गई है।
स्रोत: कॉलिन्स स्काईवॉचिंग: द अल्टिमेट गाइड टू द यूनिवर्स (पृष्ठ 235, 1995 अंग्रेजी संस्करण) डेविड लेवी द्वारा।"
पुस्तक में पृष्ठ
43 - 49