मंगलग्रह

छवि का स्रोत: द मार्शियन एनिग्माज : ए क्लोज़र लुक, मार्क जे. कार्लोटो (1992)।

इस चित्र में दो चेहरे दिखाई दे रहे हैं जब चित्र को 180 डिग्री कोण पर घुमाया जाये।


लेख में प्रदर्शित छवियां "द मार्शियन इनिग्माज़ : ए क्लोज़र लुक" मार्क जे. कार्लोटो (1992) से ली गई हैं।

छवि का स्रोत: द मार्शियन इनिग्माज़ : ए क्लोज़र लुक, मार्क जे. कार्लोटो (1992)।
बॉस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्क जे. ने इन तस्वीरों पर शोध किया, उनकी पुष्टि की, और उन्हें अपनी पुस्तक में प्रकाशित किया।

नासा ने इन तस्वीरों को विभिन्न कोणों और दृष्टिकोणों से लिया है।
छवि का स्रोत: http://www.tlig.org/pg/pgjesus.html
जब यह तस्वीर सीधी होती है, तो इसमें यीशु मसीह की छवि दिखाई देती है, और जब इसे उल्टा किया जाता है, तो इसमें सत्पुरुष रा गौहर शाही की छवि प्रकट होती है।
साइंस और टेक्नोलोजी
जंग सण्डे मैग्ज़ीन 18 मार्च 2001 ई० अंतरिक्ष विज्ञान के कुशल डॉक्टर बंजामन फ्रानिया के अनुसार अमरीकी अंतरिक्ष अन्वेषण की संस्था नासा ने 1976 ई० में वाई किंग आर्टर नामक यान और 1998 में मार्स ग्लोबलसर्वेयर नामक यान ने मंगल ग्रह का एक चित्र प्राप्त किया जिससे प्रमाणित होता है कि वहाँ दो लाख वर्ष पूर्व इंसान आबाद थे। इस चित्र में मंगल की खुर्दरी सतह पर पत्थर का बना हुआ एक इंसानी चेहरा है जो अभ्यस्तों के अनुसार किसी इंसान ही की कृति हो सकती है। नासा की सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पत्थर का यह इंसानी चेहरा हमारी तरह के इंसानों ने तराशा है जो किसी युग में मंगल ग्रह पर आबाद थे मगर वहाँ के माहौल ने उन्हें विवश कर दिया कि वह पृथ्वी या किसी और तरफ प्रस्थान कर जायें। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस रहस्योद्घाटन को साधारण मनुष्य अति कठिन्ता से ही स्वीकार कर सकेगा। डॉ० फ्रानिया के अनुसार “यही वह प्रमाण है जिसकी हमें वर्षों प्रतीक्षा थी” एक मील लंबे और दो हज़ार फुट ऊँचे पत्थर के चेहरे जिसे लगभग दो लाख वर्ष पूर्व इंसानी हाथों ने मंगल की सतह पर तराशा था, इस बात की गवाही दे दी है कि, पृथ्वी पर इंसान की उपस्थिति से पूर्व मंगल ग्रह पर अत्यंत उन्नतशील सभ्यता उपस्थित थी। लोगों को चाहिए कि इस घटना की तहकीक करें।
लोग पूछते हैं, ‘आप इन छवियों का प्रचार क्यों करते हैं?’
हम उत्तर देते हैं, ‘ये छवियां ईश्वर के संकेत हैं। इनका एक उद्देश्य है और ये सत्य के खोजियों को दर्शाती हैं कि वे ईश्वर के इस प्रतिनिधि के माध्यम से ईश्वर तक पहुंच सकते हैं।’ यह पापियों और नास्तिकों दोनों के लिए एक संकेत है कि वे भी मार्गदर्शन का रास्ता अपनाएं और उस दिव्य ज्ञान के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करें, जिसे ईश्वर ने उन्हें प्रदान किया है। ईश्वर ने इस ज्ञान को आपकी प्रकृति के अनुसार सरल और सहज बना दिया है।

ईशु मसीह और सत्पुरूष गौहर शाही की मुलाकात 1997 न्यु मेक्सिको में हुई।
साप्ताहिक समाचारपत्र पयाम मानचेस्टर में यह समाचार चित्रों समेत 15 अगस्त 1997 ई० को प्रकाशित हुई थी।
• अर्ध मासिक समाचार पत्र सदा-ए-सरफ़रोश ने भी यह ख़बर सितंबर 1997 को छापी।
• 28 सितंबर 1997 को BBC ने यह ख़बर GMR रेडियो (UK) से प्रसारित की।
इस विषय पर शोध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

छवि का स्रोत: द मार्शियन इनिग्माज़: ए क्लोज़र लुक (पृष्ठ 27), मार्क जे. कार्लोटो (1992)।
ऊपर दी गई तस्वीर में, सत्पुरुष गौहर शाही और यीशु मसीह एक-दूसरे की ओर मुख किए हुए हैं।
यह समाचार पाकिस्तान पोस्ट न्यूयॉर्क में 14 जून 2001 को प्रकाशित हुआ था।
इसे नवा-ए-वक़्त यूके में भी 29 जून 2001 को प्रकाशित किया गया था।


मंगलग्रह के अतिरिक्त भी नेबुला स्टार और चंद्रमाँँ और अन्य स्थानों पर सत्पुरूष गौहर शाही की तस्वीरें आ चुकी हैं।
देखिये वेबसाइट : www.goharshahi.gs
प्राय: लोग पूछते हैं क्या यह हक़ीक़त है? यदि हक़ीक़त नहीं है फिर हम बहुत बड़े झूटे हैं। (झूटों पर लानत)
पुस्तक में पृष्ठ
58 - 59